1. केवायसी क्या है ?
"अपने ग्राहक को जानिए" के लिए एक परिवर्णीत शब्द केवायसी है, जिसका उपयोग ग्राहक पहचान प्रक्रिया के लिए किया जाता है। इसमें खातों के हितार्थी स्वामी की सही पहचान, निधि के स्रोत, ग्राहक के उद्योग का स्वरूप, ग्राहक के कारोबार के संबंध में खाते के परिचालन में उचितता, इत्यादि शामिल है जिससे बैंकों को विवेकसम्मत जोखिम प्रबंधन में मदद मिलती है। केवायसी दिशानिर्देशों का उद्देश्य है कि अपराधिक तत्वों द्वारा जानबूझकर अथवा अनजाने में काले धन को वैध बनाने के लिए बैंकों का प्रयोग करने से बचाना।
केवायसी में दो घटक हैं पहचान और पता। जब पहचान वही रहती है, पता बदल सकता है और इसलिए बैंकों को चाहिए कि वे उनके अभिलेखों को आवधिक अंतराल पर अद्यतन करें।
2. ग्राहकों की पहचान को सत्यापित करने के लिए क्या कोई कानूनी समर्थन है ?
हां। रिज़र्व बैंक ने ये दिशानिर्देश बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 35क तथा धनशोधन निवारण (लेनदेन की प्रकृति और मूल्य के अभिलेख का रखरखाव, बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेख का सत्यापन और रखरखाव तथा सूचना देने का समय व रखरखाव की क्रियाविधि) नियमावली 2005 के अंतर्गत जारी किये गये हैं।
3. मुझे बैंक में मीयादी जमाराशि रखनी है, क्या मुझे केवायसी लागू है ?
हां, केवायसी बैंक के ग्राहकों के लिए लागू है। केवायसी के प्रयोजन के लिए "ग्राहक " की परिभाषा निम्नानुसार दी गयी है:
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कोई व्यक्ति अथवा संस्था जो खाता खोलता/खोलती है और/अथवा जिसका बैंक के साथ कारोबारी संबंध है;
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कोई ऐसे व्यक्ति या संस्था जिसकी ओर से खाता खोला जाता है (अर्थात् हितार्थी स्वामी) ;
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व्यावसायिक मध्यस्थों, जैसे स्टॉक ब्रोकर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, सॉलीसिटर इत्यादि, से (जैसा कि कानून में अनुमत हो) किये गये लेन-देन के हिताधिकारी, और
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कोई वित्तीय लेनदेन, जो बैंक के लिए प्रतिष्ठा संबंधी या कोई अन्य बड़ा जोखिम पैदा कर सकता है
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जैसे कि किसी एक लेन-देन के रूप में तार अंतरण या उच्च मूल्य का मांग ड्राफ्ट जारी किये जाने से जुडे कोई व्यक्ति या संस्था।
4. ग्राहक पहचान के लिए क्या कोई विशिष्ट प्रक्रिया है ?
ग्राहक की पहचान से तात्पर्य ग्राहक को अभिनिर्धारित करना और विश्वसनीय, स्वतंत्र स्रोत, दस्तावेज़ अथवा सूचना द्वारा उनका सत्यापन करना । बैंकों को विभिन्न स्तर पर सूचित किया गया है की वित्तीय लेनदेन करने अथवा पहले प्राप्त की गयी ग्राहक पहचान के बारे में बैंकों को उसकी प्रामाणिकता/सत्यता अथवा पर्याप्तता के बारे में संदेह है, बैंकिंग संबंध स्थापित करते समय विभिन्न स्तर पर ग्राहक पहचान प्रक्रिया निर्धारित करें।
5. खाता खोलते समय एक बार केवायसी आवश्यकता का अनुपालन करने के बाद, क्या बैंक मुझे पुनः केवायसी अनुपालन के लिए पूछ सकती है ?
हां। ग्राहकों के संबंध में अद्यतन जानकारी उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करने के लिए, बैंकों को सूचित किया गया है कि ग्राहक पहचान के संबंध में जानकारी, ग्राहक जाखिम श्रेणी के आधार पर आवधिक अंतराल पर अद्यतन करें।
ग्राहकों की जानकारी जैसे कि उसका सामाजिक/वित्तीय स्तर, कारोबार की गतिविधि का स्वरूप, उनके ग्राहकों का कारोबार और स्थान, खाता खोलने का प्रयोजन और कारण, रिश्ते के अंतर्गत उपयोग में लाये जानेवाले निधि का स्रोत और व्यवसाय/नौकरी संबंधी विवरण, संपत्ति का स्रोत, अपेक्षित मासिक विप्रेषण, अपेक्षित मासिक आहरण इत्यादि के संबंध में बैंक ग्राहक प्रोफाइल तैयार करते हैं। जब खाते के लेनदेन के संबंध में और प्रोफाइल में विसंगति पायी जाती है, बैंक आवश्यकता होने पर अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज़ों की मांग कर सकता है। यह केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि खाते का प्रयोग काले धन को वैध बनाने / आतंकवादी / अपराधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा रहा है।
6. मैंने मेरा ड्राइविंग लाइसेंस पहचान और पते के सबूत रूप में प्रस्तुत किया था परंतु पुन: बैंक ने टेलीफोन / बिजली के बिल की मांग की
ग्राहक पहचान के दो पहलू है। एक पहचान स्थापित करना है और दूसरा वर्तमान आवासीय पता स्थापित करना । पहचान स्थापित करने के लिए बैंक को ऐसी प्रमाणित दस्तावेज की जरूरी है जिसमें ग्राहक का फोटोग्राफ जैसे कि वाहन चलाने का लाइसेंस/पारपत्र/पैन कार्ड/मतदाता कार्ड इत्यादि हो। यद्यपि इन दस्तावेज़ों पर आवासीय पता होता है, फिर भी हो सकता है कि यह पता उनका वर्तमान पता न हो । ग्राहक का वर्तमान पता स्थापित करने के लिए, पारपत्र/वाहन चलाने का लाइसेंस/मतदाता कार्ड/पैन कार्ड के अलावा, बैंक टेलीफोन/बिजली जैसी सेवा बिल की मांग कर सकता है।
बैंक द्वारा मांग की जानेवाले दस्तावेज़ों की सूची नीचे दी गयी है।
विशेषताएं |
दस्तावेज़ |
व्यक्तियों के खाते |
•विधिक नाम और प्रयोग में लाये जानेवाला अन्य नाम |
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पासपोर्ट
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पैन कार्ड
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मतदाता पहचान पत्र
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ड्राइविंग लाइसेंस
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पहचान पत्र (बैंक की संतुष्ठि के शर्त पर)
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बैंक की संतुष्टि के लिए मान्यताप्राप्त सरकारी प्राधिकारी या सरकारी कर्मचारी पहचान तथा निवास को सत्यापित करते हुए पत्र ।
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• सही स्थायी पता |
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टेलीफोन बिल
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बैंक खाता विवरण
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किसी मान्यताप्राप्त सरकारी प्राधिकरण से पत्र
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बिजली का बिल
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राशन कार्ड
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नियोक्ता का पत्र (बैंक की संतुष्टि के शर्त पर)
ऐसा कोई भी एक दस्तावेज पर्याप्त है जो बैंक को ग्राहक की जानकारी के संबंध में संतुष्टि प्रदान करें। |
कंपनियों के खाते |
• कंपनी का नाम |
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निगमन और संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम के संबंध में प्रमाणपत्र
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खाता खोलने के संबंध में निदेशक बोर्ड का प्रस्ताव और जिन्हें खाता चलाने का अधिकारा है उनकी पहचान
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कारोबार चलाने हेतु उनकी ओर से अपने प्रबंधकों, अधिकारियों या कर्मचारियों को प्रदत्त मुख्तारनामा
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पैन आबंटन पत्र की प्रतिलिपि
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टेलीफोन बिल की प्रतिलिपि
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• कारोबार का प्रमुख स्थान |
• कंपनी का डाक पता |
• टेलीफोन/फैक्स सं. |
भागीदारी फर्म के खाते |
• विधिक नाम |
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पंजीकरण प्रमाणपत्र, यदि पंजीकृत है
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भागीदारी विलेख
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कारोबार चलाने हेतु उनकी ओर से अपने भागीदारों, या कर्मचारियों को प्रदत्त मुख्तारनामा
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भागीदारों और मुख्तारनामा धारित व्यक्तियों तथा उनके पते की पहचान करानेवाली कोई भी अधिकारिक वैध दस्तावेज
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फर्म/भागीदारों के नाम टेलीफोन बिल
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• पते |
• सभी भागीदारों के नाम और पते |
• फर्म और भागीदारों के टेलीफोन नंबर |
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न्यासों और संस्थानों के खाते |
• न्यासी, सेटलर्स, हितार्थी और हस्ताक्षरकर्ताओं के नाम
• संस्थापक, प्रबंधक/निदेशक और हितार्थी के नाम और पते
• टेलीफोन/फैक्स नंबर |
- पंजीकरण प्रमाणपत्र, यदि पंजीकृत हो।
ii) कारोबार चलाने हेतु उनकी ओर से प्रदत्त मुख्तारनामा
iii) न्यासियों, सेटलर्स, हितार्थी और मुख्तारनामा धारित व्यक्तियों, संस्थापक/प्रबंधक/निदेशक तथा उनके पते की पहचान करानेवाली कोई भी अधिकारिक वैध दस्तावेज
iv) प्रतिष्ठान/असोसिएशन के प्रबंध समिति के प्रस्ताव
v) टेलीफोन बिल |
• मालिकाना कंपनियों के खाते |
• संस्था का नाम पता और कार्यकलाप संबंधी सबुत |
* पंजीकरण प्रमाणपत्र (पंजीकृत कंपनी हो तो)
* दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के अधीन नगर पालिका से जारी प्रमाणपत्र/लाइसेंस
* बिक्री और आयकर विवरणी
* सीएसटी/वॅट प्रमाणपत्र
* बिक्री कर/सेवा कर/व्यवसाय कर प्राधिकारियों से जारी प्रमाणपत्र/पंजीकरण दस्तावेज
* केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकारी प्राधिकारी/विभाग द्वारा मालिकाना कंपनियों को जारी पंजीकरण/लाइसेंस दस्तावेज़
* पहचान पत्र के रूप में बैंक खाता खोलने के लिए डीजीएफटी कार्यालय द्वारा मालिकाना कंपनियों को जारी आयात निर्यात कूट
* पंजीकरण प्राधिकारी जैसे कि भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान, भारतीय लागत लेखाकार संस्थान, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, भारतीय चिकित्सा काउंसिल, खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्राधिकारी इत्यादि द्वारा जारी प्रमाणपत्र,
उपर्युक्त में से कोई भी दो दस्तावेज पर्याप्त है। यह दस्तावेज मालिकाना कंपनी के नाम से हो। |
7. क्या मेरी पत्नी जिनके नाम, पते का कोई सबुत नहीं है, बैंक में खाता खोल सकती है?
हां, यह पाया गया है कि कुछ नजदीकी रिश्तेदारों को, उदाहरण के लिए, अपने पति, पिता/माता तथा पुत्र के साथ रहनेवाली पत्नी, पुत्र, पुत्री तथा माता-पिता आदि, को बैंकों में खाता खोलने में कठिनाई होती है क्योंकि पते के सत्यापन के लिए आवश्यक यूटिलिटी बिल उनके नाम पर नहीं होते, ऐसे मामलों में बैंक भावी ग्राहक जिस रिश्तेदार के साथ रहता है, उससे इस आशय का एक घोषणा पत्र कि खाता खोलने के लिए इच्छुक उक्त व्यक्ति (भावी ग्राहक ) उसका रिश्तेदार है और उसके साथ रहता है तथा उनकी पहचान दस्तावेज तथा यूटिलिटी बिल प्राप्त कर सकता है। अनुपूरक साक्ष्य के रूप में बैंक, डाक से प्राप्त पत्र को अधिक पुष्टि के लिए ले सकता है ।
8. मै रोजाना वेतन पानेवाला मजदूर हूँ। मेरे पास बैंक की सुतुष्टि के लिए पहचान पत्र और पते का कोई भी दस्तावेज नहीं है। क्या मै बैंक में खाता खोल सकता हूँ ?
कम आय वर्ग के लोग जो अपने खाते में कुल मिलाकर 50,000/- रुपये से अधिक शेष राशि रखना नहीं चाहते और वर्ष में जिनकी कुल जमा राशि 1 लाख से अधिक होने की संभावना न हो, ऐसे मामले में यदि खाता खोलने के लिए इच्छुक व्यक्ति पहचान तथा पते के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हो तो बैंक निम्नलिखित शर्तों के अधीन खाता खोल सकते हैं:
ऐसे अन्य खाताधारक से परिचय जिसने 'अपने ग्राहक को जानिए' की पूरी क्रियाविधि के अनुसार अपेक्षित शर्तें पूरी की हैं। परिचयकर्ता का खाता बैंक के पास कम-से-कम छह महीने से हो और उसमें संतोषजनक रूप में लेनदेन किये गये हों। खाता खोलने का प्रस्ताव करनेवाले ग्राहक का छाया चित्र (फोटोग्राफ ) तथा उसका पता परिचयकर्ता द्वारा प्रमाणित किया जाना अपेक्षित है।
अथवा
ग्राहक की पहचान और पते के लिए अन्य कोई साक्ष्य जिससे बैंक संतुष्ट हो।
ii) उपर्युक्त प्रक्रिया से खाता खोलते समय, ग्राहक को यह जानकारी मिल जानी चाहिए कि यदि किसी भी समय बैंक में उसके सभी खातों की (कुल मिलाकर) शेष राशि 50,000/- रुपये से अधिक हो जाती है या खाते में कुल जमा 1 लाख रुपये या उससे अधिक हो जाती है तो आगे किसी भी प्रकार की लेन-देन करने की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक कि 'अपने ग्राहक को जानिए' (के.वाई.सी.) प्रकियाएं पूरी नहीं कर ली जाती हैं। ग्राहक को असुविधा न हो, इसलिए जब शेष राशि 40,000/- रुपये तक पहुंच जाती है या साल भर में कुल जमा 80,000/- रुपये तक हो जाती है तब बैंक अपने ग्राहक को सूचित करें कि के.वाई.सी. प्रक्रिया लागू करने के लिए उपयुक्त दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है, अन्यथा खाते में और जमा बंद कर दिया जाएगा।
9. खाता खोलने के लिए क्या मेरे नियोक्ता का प्रमाणपत्र पहचान और पते के लिए पर्याप्त होगा ?
इस प्रकार के प्रमाणिकरण के लिए बैंक कार्पोरेट और अन्य प्रसिद्ध संगठनों पर विश्वास करते हैं, बशर्ते कि संबंधित नियोक्ता को जानकारी है कि इस प्रकार के प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नामित है। इसके अतिरिक्त, कार्पोरेट और अन्य संगठन के वेतनभोगी कर्मचारी का खाता खोलने के लिए केवायसी हेतु बैंक को कम से कम एक वैध दस्तावेज जैसे कि पारपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र इत्यादि अथवा युटीलिटी बिल आवश्यक है।
10. क्या मेरे द्वारा केवायसी के अंतर्गत बैंक को दी गयी जानकारी को बैंक गोपनीय रखेगी।
हां। खाता खोलने हेतु ग्राहक से प्राप्त की गयी जानकारी गोपनीय मानी जाती है और यह विवरण क्रॉस सेलिंग या दूसरे किसी भी प्रयोजन के लिए प्रकट नहीं किया जाता।
11. क्या क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/स्मार्ट कार्ड के लिए केवायसी लागू है ?
क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/स्मार्ट कार्ड और एड-ऑन/पूरक कार्ड जारी करने से पहले पूरी केवायसी प्रक्रियाओं की पूर्तता करना आवश्यक है।
12. केवायसी के अंतर्गत बैंक द्वारा मागी गयी जानकारी देने से यदि मै इन्कार करता हूँ, तो बैंक मेरे विरूद्ध क्या कार्रवाई कर सकती है ?
सूचना न देने और/अथवा ग्राहक के असहयोग के कारण जब उपर्युक्त केवायसी को लागू करने में बैंक असमर्थ होती है, तब ग्राहक को उचित सूचना जारी करने के बाद इस प्रकार की कार्रवाई करने का कारण स्पष्ट करते हुए बैंक, खाता बंद करने तथा ग्राहक के साथ बैंकिंग/कारोबार का संबंध समाप्त कर सकती है। |