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इकाइयों का स्वामित्व – एक ही स्वामित्व के अंतर्गत दो या उससे अधिक उपक्रम – इकाई की स्थिति

आरबीआई /2010-11/305
ग्राआऋवि.एसएमई.एवं एनएफएस.बीसी.सं. 35 /06.02.31(पी)/2010-11

6 दिसंबर 2010

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को छोड़कर)

महोदया / महोदय,

इकाइयों का स्वामित्व – एक ही स्वामित्व के अंतर्गत दो या उससे अधिक उपक्रम – इकाई की स्थिति

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 22 नवंबर 1993 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. सं. पीएलएनएफएस. सं.बीसी.67/06.03.01/93-94 (प्रतिलिपि संलग्न) देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे इकाइयों की लघु उद्योग स्थिति निर्धारित करने के प्रयोजन से भारत सरकार, उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 1 जनवरी 1993 की अधिसूचना सं.एस.ओ.2 (ई) में दर्शाए दिशा-निर्देशों का पालन करें।

2.  चूंकि एमएसएमइडी अधिनियम, 2006 में माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम के रुप में वर्गीकरण के प्रयोजन हेतु एक ही  व्यक्ति / कंपनी द्वारा स्थापित भिन्न- भिन्न उद्यमों के निवेशों को सम्मिलित करने का प्रावधान नहीं है, भारत सरकार ने दिनांक 15 अप्रैल 2009 के कार्यालय ज्ञापन सं.5 (10) 2007 एमएसएमइ / पीओएल द्वारा सूचित किया  है कि लघु उद्योग के रूप में औद्योगिक उपक्रमों के वर्गीकरण के प्रयोजन हेतु एक ही स्वामित्व के अंतर्गत दो या अधिक उद्यमों के निवेशों को सम्मिलित करने के प्रावधान , जो दिनांक 1 जनवरी 1993 के राजपत्र अधिसूचना सं. एस.ओ.2 (ई) द्वारा  अधिसूचित है (दिनांक 10 दिसंबर 1997 की प्रमुख अधिसूचना सं. एस.ओ. 857 (ई) द्वारा पुनः अधिसूचित), को दिनांक 27 फरवरी 2009 की अधिसूचना सं.एस.ओ.563 (ई) द्वारा निरस्त कर दिया है। अधिसूचनाओं की प्रतियां संलग्न हैं।

3.  कृपया आप अपनी शाखाओं / नियंत्रक कार्यालय को उचित अनुदेश जारी करें तथा उसका व्यापक प्रचार करें।

भवदीय

( बी.पी.विजयेन्द्र )
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

 
 
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