भारिबैं/2014-15/605
गैबैंविवि.कंपरि.नीप्र.सं.036/03.10.01/2014-15
21 मई 2015
सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)
प्राथमिक व्यापारियों को छोड़कर (पीडी)
महोदय,
एकल उत्पाद के जमानत पर ऋण प्रदान करना- स्वर्ण आभूषण
कृपया उक्त विषय पर 16 सितम्बर 2013 का परिपत्र सं.गैबैंपवि.कंपरि.नीप्र.सं. 356/03.10.01/2013-14 तथा 08 जनवरी 2014 का गैबैंपवि.कंपरि.नीप्र.सं.365/03.10.01/2013-14 का अवलोकन करें।
2. बैंक ने यह निर्धारित किया था कि मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) की गणना के लिए स्वर्ण आभूषणों का मूल्य निर्धारण बंबई बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड (बीबीए) द्वारा 22 कैरेट सोने के लिए पूर्ववर्ती 30 दिनों की क्लोजिंग कीमत का औसत होगा।
3. इसकी समीक्षा कर यह निर्णय लिया गया है कि एनबीएफसी, वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का भी उपयोग कर सकती है।
4. गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार करने वाली अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007, गैर-प्रणालीगत महत्वपूर्णगैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 तथा प्रणालीगत महत्वपूर्णगैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 को संशोधित करने वाली उक्त दिनांक की अधिसूचनाएं इसके साथ संलग्न है।
भवदीय,
(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय, सेंटर 1, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा, मुंबई 400 005
अधिसूचना सं. गैबैंविवि.024/मुमप्र(सीडीएस)-2015
21 मई 2015
भारतीय रिजर्व बैंक (बैंक) जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.192 /डीजी(वीएल)-2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकारने या धारण करने वाली) कंपनियां विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-
1. निदेश के पैराग्राफ 17सी(1)(i) के अंत में निम्नलिखित शब्दों को जोड़ा जाए
“अथवा वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का भी उपयोग कर सकती है।“
2. निदेश के पैराग्राफ 17सी(2)(बी) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित करें :
(बी) स्वर्ण की नीलामी करते समय एनबीएफसी को गिरवी रखे गए आभूषणों के आरक्षित मूल्य की घोषणा करनी होगी। गिरवी रखे गये स्वर्ण आभूषणों की आरक्षित मूल्य बंबई बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड (बीबीए) द्वारा 22 कैरेट सोने के लिए पूर्व के 30 दिनों की क्लोजिंग कीमत अथवा वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का 85% से कम नहीं होना चाहिए तथा कैरेट के संबंध में कम शुद्धता वाले आभूषणों के मूल्य को अनुपात में कम किया जाए।
(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय, सेंटर 1, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा, मुंबई 400 005
अधिसूचना सं. गैबैंविवि.025/मुमप्र(सीडीएस)-2015
21 मई 2015
भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़ॅर्व बैंक) निदेश, 2015 (27 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. गैबैंविवि.009/मुमप्र(सीडीएस)2015 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-
1. निदेश के पैराग्राफ 20(1)(i) के अंत में निम्नलिखित शब्दों को जोड़ा जाए
“अथवा वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का भी उपयोग कर सकती है।“
2. निदेश के पैराग्राफ 20(2)(बी) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित करें:
(बी) स्वर्ण की नीलामी करते समय एनबीएफसी को गिरवी रखे गए आभूषणों के आरक्षित मूल्य की घोषणा करनी होगी। गिरवी रखे गये स्वर्ण आभूषणों की आरक्षित मूल्य बंबई बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड (बीबीए) द्वारा 22 कैरेट सोने के लिए पूर्व के 30 दिनों की क्लोजिंग कीमत अथवा वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का 85% से कम नहीं होना चाहिए तथा कैरेट के संबंध में कम शुद्धता वाले आभूषणों के मूल्य को अनुपात में कम किया जाए।
(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय, सेंटर 1, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा, मुंबई 400 005
अधिसूचना सं. गैबैंविवि.026/मुमप्र(सीडीएस)-2015
21 मई 2015
भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से गैर-प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़ॅर्व बैंक) निदेश, 2015 (27 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. गैबैंविवि.008/मुमप्र (सीडीएस) 2015 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-
1. निदेश के पैराग्राफ 21(1)(i) के अंत में निम्नलिखित शब्दों को जोड़ा जाए
“अथवा वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का भी उपयोग कर सकती है।“
2. निदेश के पैराग्राफ 21(2)(बी) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित करें :
(बी) स्वर्ण की नीलामी करते समय एनबीएफसी को गिरवी रखे गए आभूषणों के आरक्षित मूल्य की घोषणा करनी होगी। गिरवी रखे गये स्वर्ण आभूषणों की आरक्षित मूल्य बंबई बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड (बीबीए) द्वारा 22 कैरेट सोने के लिए पूर्व के 30 दिनों की क्लोजिंग कीमत अथवा वायदा बाजार आयोग द्वारा विनियमित कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक रूप से प्रसारित स्वर्ण मूल्य डाटा का 85% से कम नहीं होना चाहिए तथा कैरेट के संबंध में कम शुद्धता वाले आभूषणों के मूल्य को अनुपात में कम किया जाए।
(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक |