आरबीआई/2010-2011/243
आरबीआई/डीपीएसएस सं.914/02.14.003/2010-2011
25 अक्टूबर 2010
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)/ शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
अधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क
महोदया / प्रिय महोदय
क्रेडिट/डेबिट कार्ड लेनदेन- कार्ड मौजूद नहीं (दूरस्थ) लेन-देन से संबंधित सुरक्षा मुद्दे और जोखिम कम करने के उपाय
हमने दिनांक 18 फरवरी, 2009 के अपने परिपत्र आरबीआई/2008-2009/387, डीपीएसएस संख्या 1501/02.14.003/2008-2009, के माध्यम से यह अधिदेश दिया था कि 01 अगस्त, 2009 से, बैंक सभी “ऑन-लाइन कार्ड मौजूद नहीं लेन-देन (नॉट प्रेजेंट ट्रांजेक्शन) के लिए कार्ड पर दिखाई न देने वाली जानकारी के आधार पर "अतिरिक्त अधिप्रमाणन/वैधीकरण” प्रदान करेंगे। (हमारे दिनांक 23 अप्रैल 2010 के परिपत्र आरबीआई/2009-2010/420, डीपीएसएस सं.2303/02.14.003/2009-2010 के माध्यम से इस है अधिदेश को 01 जनवरी 2011 से सभी इंटर-एक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर) लेन-देनों के लिए बढ़ा दिया गया)I
2. हमें भारतीय व्यापारी साइट्स पर भारत के बाहर के बैंकों द्वारा जारी किए गए कार्डों का उपयोग करते हुए किए गए ऑनलाइन लेनदेन और विदेशी वेबसाइटों पर लेनदेन के लिए भारतीय कार्डों के उपयोग के संबंध इस अधिदेश की प्रयोज्यता के संबंध में पत्र प्राप्त हो रहे हैं।
3. इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि भारत में जारी किए गए कार्डों का उपयोग करने वाले सभी लेन-देन पर, मर्चेंट साइट पर भुगतान के लिए अधिदेश लागू होगा, जहां विदेशी मुद्रा के बहिर्वाह का मंतव्य नहीं है। किसी विदेशी वेबसाइट/पेमेंट गेटवे से लिंकेज को अधिदेश लागू करने से छूट की अनुमति देने का आधार नहीं बनाया जा सकता है।
4. भारत के बाहर जारी किए गए कार्डों के भारतीय मर्चेंट साइटों पर उपयोग के लिए यह अधिदेश वर्तमान में लागू नहीं है।
भवदीय
(जी. पद्मनाभन)
मुख्य महाप्रबंधक |