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इलेक्‍ट्रॉनिक/इंटरनेट ट्रेडिंग पोर्टल के माध्‍यम से समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा कारोबार पर

21 फरवरी 2011

इलेक्‍ट्रॉनिक/इंटरनेट ट्रेडिंग पोर्टल के माध्‍यम से समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा कारोबार पर
भारतीय रिज़र्व बैंक का परामर्श

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज स्‍पष्‍ट किया है कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के अंतर्गत इलेक्‍ट्रॉनिक/इंटरनेट ट्रेडिंग पोर्टल के माध्‍यम से समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा कारोबार के लिए किसी भी स्‍वरूप में विप्रेषण की अनुमति नहीं दी गई है।  रिज़र्व बैंक ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है कि फेमा 1999 के अंतर्गत विद्यमान विनियम निवासियों को घरेलू/समुद्रपारीय बाज़ारों में विदेशी मुद्रा में कारोबार की अनुमति नहीं देते हैं।

तथापि, निवासियों को समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्‍ट शर्तों के अधीन भारत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त शेयर बाज़ारों में कारोबार किए जानेवाले करेंसी फ्यूचर्स और विकल्‍प संविदाओं में कारोबार की अनुमति दी गई है।

पृष्‍ठभूमि

रिज़र्व बैंक ने इलेक्‍ट्रॉनिक/इंटरनेट ट्रेडिंग पोर्टलों द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों को देखा है जिसमें गारंटीकृत उच्‍चतर प्रतिलाभ के साथ विदेशी मुद्रा में कारोबार अथवा निवेश का प्रस्‍ताव दिया गया है। कई कंपनियॉं ऐसे एजेंटों की सेवाएं भी लेती हैं जो व्‍यक्तिगत रूप से भोले-भाले लोगों से विदेशी मुद्रा कारोबार/निवेश योजनाएं शुरू करने के लिए संपर्क करते हैं तथा सामान्‍य से अधिक/भारी प्रतिलाभों के वादे के साथ उन्‍हें फुसलाते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक आम जनता को सतर्क करता है कि वे ऐसे अनधिकृत लेनदेन के लिए कोई राशि न तो भेजें अथवा जमा करें। यह सलाह कई निवासियों को ऐसे लालच भरे प्रस्‍तावों का शिकार बनने तथा विगत में भारी राशि गवाने के परिप्रेक्ष्‍य में आवश्‍यक हो गई है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/1196

 
 
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